गांव टुंडला के बेटे ने बॉडी बिल्डिंग में इंटरनेशनल लेवल पर दूसरा पदक हासिल किया

अंबाला छावनी के छोटे से गांव टुंडला के बेटे ने 29 वर्ष की आयु में  बॉडी बिल्डिंग में इंटरनेशनल लेवल पर दूसरा पदक हासिल किया है।  टुंडला का रहने वाला रोहतास पिछले 12 साल से बॉडी बिल्डिंग कर रहा है और रोहतास ने दूसरे युवाओं को भी प्रेरित किया। रोहतास इंडियन एयर फोर्स में कार्यरत है। इसके बावजूद भी बॉडी बिल्डिंग के लिए  समय निकाल कर बॉडी बिल्डिंग करते है। 

||Delhi||Nancy Kaushik||अंबाला छावनी के छोटे से गांव टुंडला के बेटे ने 29 वर्ष की आयु में  बॉडी बिल्डिंग में इंटरनेशनल लेवल पर दूसरा पदक हासिल किया है।  टुंडला का रहने वाला रोहतास पिछले 12 साल से बॉडी बिल्डिंग कर रहा है और रोहतास ने दूसरे युवाओं को भी प्रेरित किया। रोहतास इंडियन एयर फोर्स में कार्यरत है। इसके बावजूद भी बॉडी बिल्डिंग के लिए  समय निकाल कर बॉडी बिल्डिंग करते है।  ज्यादा जानकारी देते हुए रोहतास ने बताया कि उन्होंने 2011 से जिम शुरू की और उसके बाद बॉडी बिल्डिंग में रुझान बढ़ा और थाईलैंड के बैंकॉक में बॉडी बिल्डिंग में इंटरनेशनल लेवल पर दूसरा पदक हासिल किया।  उन्होंने बताया कि वो 4 से 5 घंटे वर्कआउट करते है उन्होंने  युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि युवाओं को अपने लिए समय निकालना चाहिए और नशे की ओर नहीं जाना  चाहिए।  उन्होंने हरियाणा सरकार से अपील की कि सभी खिलाड़ियों को खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।  रोहतास एयर फ़ोर्स में अपनी सेवाएं देने के साथ साथ बॉडी बिल्डिंग करते है। 

अपने बेटे की ख़ुशी जाहिर करते हुए रोहतास की  माता  ने कहा कि उनका बेटे ने दूसरा पदक हासिल किया है जिसकी उन्हें बहुत ख़ुशी है और वो चाहती है उनका बेटा आगे भी इसी तरिके  खेले और गाँव का नाम रोशन करें। वही गाँव के पूर्व सरपंच ने बोलते हुए कहा कि उनके गाँव का बेटा इंटरनेशनल लेवल में दूसरा पदक हासिल करके आया है और अब वो चाहते है कि वो वर्ल्ड में अपना नाम रोशन करे।  और युवाओं को रोहतास के तरह बनना चाहिए न कि नशे की ओर जाना चाहिए।